केंद्र सरकार और बिहार की नीतीश सरकार का छत्तीस का आंकड़ा है। दोनों कल तक एक दूसरे के दोस्त थे और अब बड़े दुश्मन हो गए। जहां नीतीश ने एनडीए का दामन छोड़कर तेजस्वी का साथ दिया तो अब व्ही केंद्र सरकार के कोई भी आरोपों पर नीतीश अपना पल्ला झड़ते हुए भी साफ़ दिखाई पड़ते है। केंद्र मंत्री अश्वनी चौबे ने नीतीश की सरकार पर आरोप लगाते हुए ये कहा था कि, बुधवार को सीएम नीतीश कुमार बक्सर पहुंचे थे अपने काफिले के साथ तब उनके काफिले को पूर्वी इटाढ़ी रेलवे गुमटी के आउटर पर ट्रेन को रोककर पास कराया गया था। ये खबर जैसे ही केंद्र सरकार के नोटिस में आयी उन्होंने फ़ौरन इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने के निर्देश दे दिए। क्योंकि किसी भी राजनेता का काफिले के लिए भारतीय रेल की किसी भी गाड़ी को रोका नही जा सकता।
इसपर जब मीडिया ने सीएम से सवाल किये तो उन्होंने फ़ौरन ही इसपर पल्ला झाड़ते हुए ये कह दिया कि, कहां ट्रेन रुकी, किसने रोकी और कौन ये खबर फैला रहा है, हम्हे तो कुछ नही पता। सीएम का ये अंदाज़ पहली बार नही है उन्होंने नकली शराब कांड में भी जब सवालों के तीर उनपर छोड़े गए थे तब भी सीएम नीतीश ने ये कहकर बात को टाल दिया था कि पीयोगे तो मरना तो पड़ेगा ही। नितीश कुमार इन दिनों पूरे बिहार में समाधान यात्रा निकाल रहे है और लोगो से जनसम्पर्क बनाकर जुड़ने की कोशिश कर रहे है।
इसी यात्रा के दौरान वो बक्सर भी गए थे जब उनके काफिले को पास कराने के लिए ट्रेन को रोका गया था। अब वो भोजपुर पहुंचे जहां उन्होंने लोगों से बात करते हुए स्थिति का जायजा लिया। सीएम नीतीश कुमार ने विभिन्न विभागों में चल रहे विकास कार्यो का जायजा लिया। तो व्ही उन्होंने त्रिशान इंडस्ट्री में स्थापित एक्वाकल्चर पौंड एंड बायॉफ्लॉक फिश फार्मिंग प्रशिक्षण एवं रिसर्च सेंटर का उद्घाटन भी किया। बिहार के सीएम का तेवर केंद्र सरकार पर बिल्कुल भी नर्म होता नही दिख रहा है और वो कोई मौका नही छोड़ रहे सरकार को घेरने का, क्योंकि वो 2024 में विपक्ष का बड़ा चेहरा बनकर उभरना चाहते है।