भारत में काफी विवाद में रहने के बाद अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। राम मंदिर के बनने के कार्य काफी तेजी से हो रहे है। हाल ही में नेपाल से भारत पहुंची ऐतिहासिक शिलायो से इस भव्य राम मंदिर का निर्माण कराया जायेगा। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में नेपाल से शालिग्राम के दो बड़े पत्थर भारत आए है। जिनसे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की मूर्ति का निर्माण होगा। इस पत्थर से बनी मूर्ति राम मंदिर के गर्व ग्रह में स्थापित करी जायेगी। तो वही, अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस मूर्ति को कौन गढ़ने वाले है। बता दे आपको कि श्री राम के बाल स्वरूप की मूर्ति भारत के जाने माने मूर्तिकार राम वनजी सुतार बनाने वाले है। इन्होंने ने इससे पहले भी कई सारी मूर्ति बनाई है। राम वनजी सुतार ने सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार पटेल के अलावा भगवान शिव और रणजीत सिंह की मूर्ति बनाई है।
बता दे आपको कि भारत के जाने माने शिल्पकार राम वनजी सुतार ने कई प्रतिमाएं बनी है। तो वही, महाराष्ट्र के धूलिया जिले के गोंडूर गांव में उनका जन्म हुआ था। साल 1925 में 19 फरवरी को जन्मे राम वनजी सुतार ने अपनी कला से लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने ने अपने पढ़ाई जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से करी थी। जिसके बाद वह साल 1955 में दिल्ली आ गए थे। और सूचना प्रसारण मंत्रालय में काम करने लगे। दिल्ली आने से पहले उन्होंने ने फ्रीलांसर के तौर पर कई मूर्तियों का निर्माण किया था। दिल्ली में रहते हुए उन्होंने ने लक्ष्मीनगर में एक स्टूडियो खोला था। साल 1990 में नोएडा में आकर बस गए। जिसके बाद उन्होंने ने साहिबाबाद में साल 2006 में एक कास्टिंग फैक्ट्री खोली। जिसमे उन्होंने ने सबसे पहले महात्मा गांधी की मूर्ति बनाई थी।
कई मूर्तियां का कर चुके है निर्माण
भारत के सबसे प्रसिद्ध मूर्तिकार राम वनजी सुतार ने कई मूर्तियों को गाढ़ा है। उन्हे भारत में आज का विश्वकर्मा कहा जाता है। उन्हे इसलिए विश्वकर्मा जी की उपाधि दी जाती है। क्योंकि उन्होंने ने एक से बढ़कर एक मूर्तियों को तैयार किया है। राम वनजी सूतार ने साल 1954 से 1958 की तक भारत के फेमस गुफाहो अजंता और एलोरा के नकाशियों में अपना बड़ा योगदान दिया था। उन्होंने ने सरदार पटेल की मूर्ति के अलावा एक ही पत्थर से चंबल स्मारक को बनाया था। इसके साथ ही उन्होंने यूनाइटेड नेशन ऑफ आर्गेनाइजेशन के बाहर स्थापित महात्मा गांधी की मूर्ति को भी उन्होंने ने ही बनाया है। देश के सबसे बड़े डैम भाखड़ा नांगल डैम में काम करने वालों मजूदूरो के सम्मान में लेबर स्टैच्यू भी राम वनजी सुतार ने ही गाढ़ा था। इसके अलावा वह गोविंद वल्लभ पंत, बिहार के कर्पूरी ठाकुरस अनुग्रह नारायण सिंह की प्रतिमा को भी गढ़ने का काम कर चुके है।