आज के समय में हर कोई भौतिक सुख की चाह रखता है। दुनिया में ज्यादातर ऐसे लोग है जिन्हे एक ऐसों आराम की जिंदगी अपने जीवन में चाहिए है। तो वही, करोड़पति लोग लोग एसो आराम की जिंदगी बड़े ही आराम से बिताते है। गुजरात से ही कुछ दिनो पहले एक कारोबारी की बेटी ने सांसारिक सुख को त्याग कर साध्वी बन गई। हाल ही में एक और ऐसी जानकारी मिली है कि गुजरात के एक और व्यापारी ने सांसारिक सुखों को हमेशा के लिए त्याग दिया है और एक संन्यासी के जीवन को अपना लिया है। बता दे आपको कि ये खबर गुजरात के भुज की है। जहां पर एक करोड़पति बिजनेसमैन ने पूरे परिवार के साथ मिल कर सांसारिक सुखों को त्याग कर संन्यासी जीवन अपना लिया। गुजरात के भुज में जैन परिवार के चार लोगों ने दीक्षा ली है। जैन परिवार ने अपनी करोड़ो की संपत्ति को दान कर दिया है। इस जैन परिवार का कपड़ो का होलसेल व्यापार था और सालाना करोड़ो रुपए का टर्नओवर था।
बता दे आपको कि गुजरात के भुज के जैन परिवार की पूर्वी बेन मेहता ने अपने धर्म की गुरु मैया के आशीर्वाद से दीक्षा लेने का फैसला किया था। जिसके बाद उनके इस संन्यासी जीवन से उनका पूरा परिवार प्रभावित हुआ और संन्यासी बनने का फैसला कर लिया। बता दे आपको कि पूर्वी बेन मेहता के पति पीयूष मेहता और दोनो का बच्चा 11वीं में पढ़ रहा मेघकुमार ने भी दीक्षा लेकर संन्यासी का जीवन अपना लिया है। उनके साथ जो 12वीं कॉमर्स में पढ़ रहे भांजे कृष ने भी संन्यासी बनने का फैसला लिया है।
बेहद कठिन होती है भगवती दीक्षा
जैन समाज की भागवती दीक्षा को सांस ज्यादा कठिन दीक्षा माना जाता है। दीक्षा लेते समय लोगो को पांच बातों का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है। उन्हे पांच बहुत महाव्रतों का पालन हमेशा करना होता है। इसके साथ ही ब्रह्मचर्य, अचौर्य और पैदल यात्रा भी जीवन पर्यंत करनी होती है। जैन संस्यासियो को अपने पूरे जीवन में कभी भी बिजली का यूज नहीं कर्म होता है। साथ ही एक रुपए भी खर्च नहीं करना होता है। जो भी जैन धर्म में संन्यासी बनना चाहता है उसे अपने जीवन की पूरी संपत्ति का दान करना होता है। और हमेशा के लिए एक कठिन रास्ते पर चलना होता है।