बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस के बड़े नेता हरीश रावत दोनो ने मुलाकात करी है। महागठबंधन की तैयारियों में हरीश रावत और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच मुलाकात को अहम घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है। विपक्षी दल साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस रहे हैं, और कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा को साधने के लिए अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। नीतीश कुमार के साथ हरीश रावत की मुलाकात महत्व रखती है क्योंकि नीतीश कुमार जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी के एक प्रमुख नेता हैं, जो भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है। कांग्रेस पार्टी आगामी चुनावों में अपनी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने की इच्छुक है।
हालांकि हरीश रावत ने नीतीश कुमार के साथ अपनी राजनीतिक चर्चाओं का विवरण नहीं दिया है। लेकिन व्यापक रूप से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को महागठबंधन में लाकर एक बड़ा खेल खेलने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस पार्टी यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है कि वह आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत गठबंधन बनने में लगी हुई है। जिससे कांग्रेस के आगामी चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को कड़ी टक्कर दे सके और ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को कांग्रेस के साथ मिलकर महागढबंधन में शामिल करे।
2024 में विपक्ष के एकता की बुलन्द आवाज श्री @NitishKumar….#पटना pic.twitter.com/Lsh1buRzWP
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) April 19, 2023
निष्कर्ष के तौर पर हरीश रावत और नीतीश कुमार की मुलाकात महागठबंधन की तैयारियों में अहमियत रखती है। विपक्षी पार्टियां आगामी लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी से मुकाबला करने के लिए कमर कस रही हैं, और कांग्रेस पार्टी अपनी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए अन्य विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक घटनाक्रम क्या मोड़ लेते हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक बड़ा खेल खेलने की तैयारी कर रही है।