राजस्थान सरकार में मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खिलाड़ी लाल बैरवा ने कांग्रेस आलाकमान व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य नेताओं से कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के राज्य में आगमन से पहले पार्टी में सभी उठापटक को दूर कर लिया जाए।
राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों से आपने निवेदन में कहा कि राहुल गांधी के दौरे से पहले मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री बदलने तक के सभी फैसले लिए जाने चाहिए। कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के पद से इस्तीफा देकर दुबारा राजस्थान कांग्रेस में काम करने की “अनिच्छा” जताई है।
बैरवा ने कहा, “यह बड़े दुर्भाग्य और खेद का विषय है कि हमारे प्रभारी महासचिव को इस प्रकार अपना दर्द व्यक्त करना पड़ रहा है। आलाकमान को इस मामले का शीघ्र संज्ञान लेना चाहिए। माकन ने 25 सितंबर का उदाहरण दिया था और वह पूरा वाकया उनके सामने हुआ था।”
बैरवा ने राज्य प्रभारी के पद को किसी भी राज्य में ‘हाईकमान’ का रूप बताते हुए कहा कि अगर उन्हें परेशानी हो रही है तो राज्य में आम लोगों को भी परेशानी हो रही है.
खिलाड़ी लाल बैरवा ने आगे कहा, “प्रदेश प्रभारी किसी भी राज्य में आलाकमान का रूप होता है, अगर वह इस तरह से पीड़ित हैं तो यहां आम लोग भी पीड़ित हैं। राहुल गांधी के दौरे से पहले, मैं आलाकमान से अनुरोध करूंगा, राजस्थान के जो भी लंबित मुद्दे हैं, कृपया उन्हें सुलझाएं। जो लोग संगठन को अवरूद्ध करने की बात करते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि राजस्थान में सरकार हमारी है।”
विधायकों के साथ हो ‘वन-टू-वन’ बातचीत
कांग्रेस नेता ने आगे सुझाव दिया कि आलाकमान को बुलाकर विधायकों के साथ “वन-टू-वन टॉक” आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी की इतनी बड़ी यात्रा राजस्थान में आ रही है और अब तक कांग्रेस विधायकों से मिलने के बाद किसी ने बात नहीं की है।” बैरवा ने सुझाव दिया कि विधायकों से उनकी समस्याओं और उनकी इच्छा के बारे में पूछा जाना चाहिए।
अजय माकन ने परेशान होकर दिया इस्तीफा
मालूम हो कि अजय माकन को कांग्रेस के राष्ट्रीय आलाकमान ने राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया था। लेकिन पार्टी के प्रदेश ईकाई के भीतर ही “विसंगतियों” से परेशान होकर उन्होंने 8 नवंबर को लिखे अपने पत्र में कहा है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के राज्य में प्रवेश करने और राज्य विधानसभा उपचुनाव होने से पहले एक नए व्यक्ति को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, सभी घटनाक्रमों से नाखुश माकन ने पद छोड़ने का फैसला किया। कहा यह भी जा रहा है कि सीएम गहलोत समर्थकों के व्यवहार से आलाकमान नाखुश है, लेकिन अशोक गहलोत फिलहाल गुजरात चुनाव के मुख्य पर्यवेक्षक हैं। साथ ही वह इस समय राजस्थान सरकार के लिए कोई जोखिम पैदा नहीं करना चाहते हैं।