हिन्दू धर्म में सभी देवी देवताओं का बहुत महत्व है। बात करें शनिदेव की तो वे शनिवार की पूजा से अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन उनकी पूजा करने से मनुष्य सब दुखों से छूटकर मोक्ष को प्राप्त होता है। आज यानी 3 सितंबर 2022 को शनिवार के दिन शनिदेव जी की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आज के दिन भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद अष्टमी की तिथि प्रारंभ हो जाएगी। बात करें अंक ज्योतिष की तो 8 अंक शनिदेव को अत्यंत प्रिय है।
मकर राशि में शनि का गोचर
ज्योतिषियों की गणना के अनुसार, वर्तमान में शनिदेव मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। चूंकि मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं ,इसलिए इस दिन आज शनिदेव अपने ही घर में विराजमान रहेंगे। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, जब कोई ग्रह अपनी ही राशि में होता है तो ये बहुत शुभ फल प्रदान करता है।
इसके अलावा ज्योतिषों की राय मानें तो, शनिदेव इस समय वक्री होकर मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। हमारे ज्योतिष शास्त्रों में शनि की चाल, शनि की दृष्टि और शनि की महादशा को विशेष दर्जा प्राप्त है। इन सभी के अलावा शनि राशि परिवर्तन, साढ़े साती और शनि की ढैय्या को भी ज्योतिष शास्त्रों और पुराणों में विशेष माना गया है।
शनि के अशुभ लक्षण
जिन लोगों को शनिदेव जी से शुभ फल की प्राप्ति नहीं हो रही है उन्हें हमेशा सावधान रहना चाहिये। शनिदेव जब अशुभ फल देते हैं या क्रोधित रहते हैं तो कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जिनसे हमें समझ जाना चाहिए। जब शनि अशुभ फल देते हैं तो बाल बहुत तेजी से झड़ने लगते हैं और अचानक से घर में तोडफोड का वातावरण बन जाता है।
इसके अलावा मकर राशि का क्षति ग्रस्त होना और लगातार कर्ज में वृद्धि हो जाना भी इसके मुख्य लक्षण हैं। इन सभी के अलावा शनि के अशुभ फल देने की स्थिति में जमा पूंजी घटती जाती है और इंसान को शराब पीने की लत लग जाती है। शराब पीने की वजह से जीवनसाथी से तनाव और कलह जैसा माहौल उत्पन्न हो जाता है। इन सभी लक्षणों को देखते हुए मनुष्य को समझ जाना चाहिए कि शनिदेव उन पर अप्रसन्न हैं और उन्हें शनिवार के दिन अवश्य पूजा करना प्रारंभ कर देना चाहिये।
शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करना बेहद फलदायी होता है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन शनि मंदिर में शनि चालीसा का पाठ करने से शनि की अशुभता में कमी आती है और वे प्रसन्न होकर शुभ फल देते हैं।